आज का फरमान (मुखवाक, हिंदी में ), hukamnama from Golden Temple, 01.04.21

   आज का फरमान (मुखवाक, हिंदी में )

 ਪੰਜਾਬੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੁਕੱਮਨਾਮਾ ਪੜ੍ਹਨ ਲਈ ਇੱਥੇ ਕਲਿਕ ਕਰੋ

To read this in English click here

आज का फरमान (मुखवाक )

{श्री दरबार साहिब, श्री अमृतसर , तिथि:- 01.04.2021,

 दिन  गुरूवार, पृष्ठ – 723 }

 

तिलंग घरु २ महला ५ ॥

तुधु बिनु दूजा नाही कोइ ॥ तू करतारु करहि सो होइ ॥ तेरा जोरु तेरी मनि टेक ॥ सदा सदा जपि नानक एक ॥१॥ सभ ऊपरि पारब्रहमु दातारु ॥ तेरी टेक तेरा आधारु ॥ रहाउ॥ है तूहै तू होवनहार ॥ अगम अगाधि ऊच आपार ॥ जो तुधु सेवहि तिन भउ दुखु नाहि ॥ गुर परसादि नानक गुण गाहि ॥२॥ जो दीसै सो तेरा रूपु ॥ गुण निधान गोविंद अनूप ॥ सिमरि सिमरि सिमरि जन सोइ ॥ नानक करमि परापति होइ ॥३॥ जिनि जपिआ तिस कउ बलिहार ॥ तिस कै संगि तरै संसार ॥ कहु नानक प्रभ लोचा पूरि ॥ संत जना की बाछउ धूरि ॥४॥२॥

 

व्याख्या (अर्थ ):-

तिलंग घरु २ महला ५ ॥

                         हे प्रभु! तू सारे जगत को पैदा करने वाला है, जो कुछ तू करता है, वही होता है, तेरे बिना और कोई दूसरा कुछ करने के काबिल नहीं है। (हम जीवों को) तेरा ही ताण है, (हमारे) मन में तेरा ही सहारा है। हे नानक! सदा उस एक परमात्मा का नाम जपता रह।1। हे भाई! सब जीवों को दातें देने वाला परमात्मा सब जीवों के सर पर रखवाला है। हे प्रभु! (हम जीवों को) तेरा ही आसरा है, तेरा ही सहारा है। रहाउ। हे अगम्य (पहुँच से परे) प्रभु! हे अथाह प्रभु! हे सबसे ऊँचे और बेअंत प्रभु! हर जगह हर वक्त तू ही तू है, तू ही सदा कायम रहने वाला है। हे प्रभु! जो मनुष्य तुझे स्मरण करते हैं, उनको कोई डर, कोई दुख छू नहीं सकता। हे नानक! गुरु की कृपा से ही (मनुष्य परमात्मा के) गुण गा सकते हैं।2। हे गुणों के खजाने! हे सुंदर गोबिंद! (जगत में) जो कुछ दिखता है तेरा ही स्वरूप है। हे मनुष्य! सदा उस परमात्मा का स्मरण करता रह। हे नानक! (परमात्मा का स्मरण) परमात्मा की कृपा से ही मिलता है।3। हे भाई! जिस मनुष्य ने परमात्मा का नाम जपा है, उससे कुर्बान होना चाहिए। उस मनुष्य की संगति में (रह के) सारा जगत संसार समुंदर से पार लांघ जाता है। हे नानक! कह: हे प्रभु! मेरी तमन्ना पूरी कर, मैं (तेरे दर से) तेरे संत जनों के चरणों की धूल माँगता हूँ।4।2।

 

वाहेगुरु जी का खालसा

वाहेगुरु जी की फतेह



Post a Comment

Previous Post Next Post