आज का फरमान (मुखवाक, हिंदी में )
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आज का फरमान (मुखवाक
)
{श्री दरबार साहिब, श्री अमृतसर , तिथि:- 15.04.2021,
दिन गुरूवार , पृष्ठ – 713 }
टोडी महला ५ घरु
२ दुपदे
ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
मागउ दानु ठाकुर नाम ॥ अवरु कछू मेरै संगि
न चालै मिलै क्रिपा गुण गाम ॥१॥ रहाउ ॥ राजु मालु अनेक भोग रस सगल तरवर की छाम ॥
धाइ धाइ बहु बिधि कउ धावै सगल निरारथ काम ॥१॥ बिनु गोविंद अवरु जे चाहउ दीसै सगल
बात है खाम ॥ कहु नानक संत रेन मागउ मेरो मनु पावै बिस्राम ॥२॥१॥६॥
व्याख्या (अर्थ ):-
राग टोडी, घर २ विच गुरु अरजन देव जी की दो बंदो वाली बाणी। अकाल पुरख एक है और सतगुरु की कृपा द्वारा मिलता
है।
हे स्वामी भगवान ! मैं (तेरे पासों तेरे) नाम का दान माँगता हूँ । कोई भी ओर
चीज मेरे साथ नहीं जा सकती । अगर तेरी कृपा हो, तो मुझे तेरी सिफ़त-सालाह मिल जाए ।1 ।रहाउ । हे भाई ! हुकूमत, धन, और, अनेकों पदार्थों के स्वाद-यह
सारे वृक्ष की छाया जैसे हैं (सदा एक जगह टिके नहीं रह सकते) । मनुख (इन की खातिर)
सदा ही कई तरीको के साथ दौड़-भाग करता रहता है, पर उस के सारे काम व्यर्थ चले जाते हैं ।1 । हे नानक ! बोल-(हे भाई !) अगर मैं परमात्मा के नाम के बिना कुछ ओर ओर ही
माँगता रहूँ, तो यह सारी बात कची है । मैं तो संत जनों के चरणों की धूल माँगता हूँ, (ता कि) मेरा मन (दुनिया वाली
दौड़-भाग से) टिकाना हासिल कर सके ।2 ।1।6।
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वाहेगुरु जी का
खालसा
वाहेगुरु जी की
फतेह ॥
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